मैं कोई गैर नहीं हूं
आर्यन चैप्टर 25
मैं कोई गैर नहीं हूं
अब तक आपने पढ़ा आर्यन रणधीर से कहता है की उसे जो करना पड़े वो करेगा लेकिन ये रियासत जिन की है उसकी ही रहेगी नील बताता है की अगर पीछे का दरवाजा खोलने की कोशिश की तो पूरी हवेली तहस नहस हो जायेगी जीनी को देख आर्यन उसे कमरे में ले जाता है
अब आगे
आर्यन को दरवाज़ा बंद करते देख जीनी घबरा जाती है , आर्यन उसकी तरफ बढ़ते हुए अपनी शर्ट निकाल देता है
जीनी पीछे होते हुए कहती है "ये आप क्या कर रहे हैं" आर्यन उसके करीब बढ़ते हुए कहता है "तुम्हें क्या लगता है, मैं क्या कर रहा हूं,वैसे भी किसी ने कहा था की मैं उससे प्यार नहीं करता"
आर्यन जीनी का हाथ पकड़ अपने करीब खीच लेता है , और उसे कमर से पकड़ अपने करीब करते हुए कहता है "तो आज मैं दिखाना चाहता हूं कि मैं तुमसे कितना प्यार करता हूं"
जीनी घबराहट में अपनी आंखे बड़ी बड़ी करके उसे देखते हुए कहती है "लेकिन ये मेरा घर है"
आर्यन उसकी बात सुन कंफ्यूज होते हुए कहता है "हां तो" जीनी वैसे ही कहती है "आप मेरे घर में मेरे साथ ऐसा नहीं कर सकते"
आर्यन उसे अजीब नजरों से देखता है , जैसे वो कोई अजूबा है फिर मुंह बनाते हुए कहता है "तुम मेरी बीवी हो , अब मैं तुम्हे तुम्हारे घर में प्यार करूं या अपने घर में इससे क्या फर्क पड़ता है" आर्यन अपने अंगूठे से उसकी कमर को सहला रहा था जिससे जीनी को सिहरन सी हो रही थी..... वो खुद को संभालते हुए कहती है
"फर्क पड़ता है , ये मेरा घर है और आप मुझे मेरे घर में.... मतलब मेरे साथ ऐसा नहीं कर सकते" आर्यन को उसकी बचकानी बातों पर प्यार भी आ रहा था और हंसी भी... वो उसका ध्यान भटकाते हुए अपना दूसरा हाथ धीरे धीरे ऊपर ले जाने लगता है और उसकी आंखो में देखते हुए कहता है "तुम मुझसे बचने का बहाना ढूंढ रही हो, अगर ऐसा है तो तुम ऐसा कभी नहीं कर सकती, और भूलो मत मैने तुम्हे इसी कमरे में पहली बार किस किया था"
आर्यन की बात सुन जीनी को उसकी पहली किस याद आ जाति है , उसका चेहरा शर्म से लाल हो जाता है, वो जैसे ही कुछ कहने के लिए मुंह खोलती है , उसे एहसास होता है की आर्यन ने उसके ब्लाउज की डोरी खोल दी है......
जीनी अपनी आंखे बंद कर लेती है , और अपना सिर आर्यन के सीने में छुपा लेती है आर्यन उसकी इस हरकत पर हस देता है,और उसकी पीठ पर हाथ फेरने लगता है, जीनी के हाथ उसकी शर्ट को कसके पकड़ लेते हैं, उससे बर्दाश्त नहीं हो रहा था , वो आर्यन को धक्का देकर वहां से जाने लगी है तभी आर्यन उसका हाथ मोड़ उसकी कमर से लगा देता है , और उसके कान के पास जाकर धीरे से कहता है
"मैं कोई गैर नहीं हूं, इतनी घबराहट किस बात की" जीनी अपनी सांसे संभालते हुए कहती है "म.... मुझे.....मुझे शर्म आती है"
आर्यन उसे पीछे से बाहों में भर लेता है , और उसके कंधे पर अपना सिर रखते हुए कहता है "तो तुम्हें ऐसे तैयार नहीं होना चाहिए" फिर झटके से पलट कर उसके होंठो पर अपने होंठ रख देता है
जीनी अपनी आंखे बंद कर लेती है , आर्यन पहले उसे प्यार से किस कर रहा था लेकिन धीरे धीरे उसकी किस डिप होती जाति है, जीनी की सांसे उखड़ने लगती है लेकिन फिर भी वो उसे रोक नहीं रही थी
आर्यन को जब एहसास होता है वो उससे अलग होता है लेकिन अभी भी उसने उसे अपनी बाहों में भर रखा था, वो उसे कुछ पल देखता है , फिर उसपर अपनी पकड़ कसते हुए कहता है "तुमने मुझे रोकने की कोशिश क्यों नहीं की"
वो अपनी आंख खोलती है और आर्यन को एक नज़र देख मुस्कुरा कर उसके गले लग जाति है वो उसे अपनी बाहों में भर लेता है , थोड़ी देर बाद गोद में उठा लेता है और लाकर बेड पर लिटा देता है वो जैसे ही उसे किस करने वाला होता है , बाहर से किसी के दरवाजा पीटने की आवाज़ आती है
आर्यन अपनी आंखे बंद कर लेता है और एक गहरी सांस लेकर उठ जाता है, और दरवाजा खोलता है तो सामने नील खड़ा था उसे वहां देख आर्यन गुस्से में घूरने लगता है
नील थोड़ा घबराते हुए कहता है "मिस्टर खन्ना वो नीचे वकील साहब आए हैं" वकील की बात सुन आर्यन के चेहरे पर एक तिरछी मुस्कान खेलने लगती है
"तुम चलो मैं आता हूं" इतना कहकर आर्यन दरवाजा बंद कर देता है और पलट कर देखता है तो जीनी बैठी हुई थी, आर्यन को मुस्कुराता देख जीनी कहती है "क्या हुआ आप मुस्कुरा क्यों रहे हैं"..
आर्यन कुछ पल उसे देखता है फिर उसे अपने करीब कर लेता है और उसकी आंखो देखते हुए कहता है "मुझसे शादी करोगी?"
जीनी उसकी आंखो में देखते हुए हां में गर्दन हिला देती है आर्यन मुस्कुरा कर उसे गले लगा लेता है.....
फिर उसका हाथ पकड़ लेता है और अपने साथ लेकर नीचे हॉल में आ जाता है, वहीं एक करीब 50-55 साल का आदमी बैठा था,जिसकी नजरें फाइल पर थी, आर्यन कुछ पल उस आदमी को देखता है फिर उसके सामने सोफे पर बैठते हुए कहता है
"क्या बात है सक्सैना साहब इतनी रात को यहां" आर्यन की आवाज सुन वकील साहब। सर उठा कर देखते हैं तो एक दम से खड़े होते हुए घबरा कर कहते हैं "मिस्टर खन्ना आप यहां"
आर्यन मुस्कुरा कर कहता है "बैठ जाइए, इतना डरने की जरूरत नही है मैं बस यहां अपनी बीवी की प्रॉपर्टी वापस लेने आया हूं"
सक्सेना साहब बैठ जाते है और कुछ देर खामोश रहने के बाद कहते हैं "लेकिन ये इतना आसान नहीं है मिस्टर खन्ना"
आर्यन आराम से बोलता है "तो आसान कर देंगे वकील साहब" वकील साहब जीनी को देखते हैं फिर कहना शुरू करते हैं "धर्मवीर जी ने ये वसीयत बनाई थी, और इसके हिसाब से इस रियासत का वारिस जीनी होगी,लेकिन सिर्फ तब तक जबतक उसकी शादी नहीं हो जाति , और जैसा आप जानते हैं जीनी की शादी आरव खन्ना से हुई थी तो वो प्रॉपर्टी"
वकील साहब को चुप देख आर्यन फिर कहता है "आगे बोलिए सक्सेना साहब"
वकील साहब दांत दिखाते हुए कहते है "ये प्रॉपर्टी आप दोनो के बच्चे के नाम है, और अगर उससे पहले जीनी को कुछ होता है , तो ये सारी प्रॉपर्टी रणधीर खन्ना के बेटे के नाम हो जायेगी"
आर्यन उसे घूरते हुए कहता है "लेकिन ससुर सा का तो कोई बेटा ही नहीं है" वकील साहब कुछ कहते उससे पहले ही जीनी कहती है "ताउसा के बेटे हैं, मेरे बड़े भाई"
क्या मोड़ लेने वाली है कहानी जानने के लिए पढ़ते रहिए मेरी कहानी आर्यन इश्क की अनोखी दास्तान मिलते हैं अगले चैप्टर में तब तक के लिए बाय बाय
वानी
Varsha_Upadhyay
24-May-2023 07:10 AM
शानदार भाग
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Alok singh
22-May-2023 07:00 PM
बहुत खूब
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